Computer bus-कंप्यूटर बस कि जानकरी

कंप्यूटर सिस्टम मैं मुख्य रूप से तीन भाग है सीपीयू मेमोरी इनपुट आउटपुट डिवाइसेज और दूसरे प्रकार के पेरीफेरल डिवाइसेज है इस टॉपिक में हम कंप्यूटर में उपयोग होने वाले सारे कंप्यूटर बस के विषय में चर्चा करेंगे |

दोस्तों बस कहते ही हमारे दिमाग रोडवेज की बसों का ख्याल आता है सही भी है जिस प्रकार रोडवेज बस से पैसेंजर को एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाते हैं लेकिन कंप्यूटर में वैसा कोई अन्य उपकरण नहीं होता जो इंफॉर्मेशन को अपना उठाएं और लेकर चल दे |

यह केवल एक माध्यम है जिससे कि डाटा या इंफॉर्मेशन को आवागमन होता है प्रारंभिक कंप्यूटर में हार्ड wire के रूप में सीपीयू होता था जिसे वेक्यूम ट्यूब के रूप में जानते हैं और मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग मेमोरी के लिए किया जाता था |

और वर्तमान में मल्टी कोर सीपीयू डी डी आर मेमोरी रैम और सॉलि़ड स्टेट ड्राइव का उपयोग स्टोरेज ग्राफिक कार्ड माउस की बोर्ड आदि में संचार कम्युनिकेट करने के लिए बस डाटा को ट्रांसफर करता है |

इसके लिए दूसरे फंक्शन को समझना होगा यह भी जानना होगा कि यह काम क्या करता है और कैसे करते हैं और इनकी स्पीड क्या होती है और इसके प्रकार और यह काम क्या करते हैं |

बस क्या है ?

 पहले हमने प्रयास किया है कंप्यूटर बस को एक माध्यम के रूप में समझने का – हमारे रोडवेज बस के आधार पर जब हम कंप्यूटर के कैबिनेट को खोलते हैं तो उसमें काफी सारे कंपोनेंट और वायर एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं |

 हम अपने मदरबोर्ड को देखते हैं तो उसमें पतली पट्टी बोर्ड के बीच में बिछा होता है और यह सभी लाइने कंप्यूटर के प्लेंट को जोड़ कर रखता है जो सिग्नल को जरूरत के अनुसार लाता है और ले जाता है इन्हीं लाइनों को हम बस कहते हैं |

या कह सकते हैं कि बस कंप्यूटर आर्किटेक्चर में एक संचार प्रणाली है जो कंप्यूटर के अंदर या कंप्यूटर के बीच डाटा का ट्रांसफर करता है|

मदरबोर्ड पर जो बस होता है वह कॉपर या माइक्रोस्कोपिक एलुमिनियम ट्रैक के रूप में सिलिकॉन सरफेस पर प्रिंटेड किया जाता है प्रति वायर 1 बीट को सपोर्ट करता है तो वायरो की संख्या से ही डाटा ट्रांसमिशन की दर निर्धारित होता है |

जैसे 8-bit वायर ट्रांसमिट 8 बिट डाटा , यह प्रोसेसर और अन्य सभी कंपोनेंट से इंटरनली जुड़ा होता है जबकि एक्सटर्नल के लिए वायर बस का यूज किया जाता है|

ऊपर दिए सभी जानकारी से आप को समझने में आसानी होगा की बस एक सर्किट के रूप में सिर्फ एक माध्यम में होता है जो डाटा – जोकि इलेक्ट्रिक सिग्नल होता है जिसको सारे कंपोनेंट के पास transmit करता रहता है|

बस में जो डाटा होता है वह परमानेंट नहीं होता उस डाटा को पते पर पहुंचा कर उसका काम खत्म हो जाता है यह जानकारी बीच में होता है बस की स्पीड प्रति सेकंड ट्रांसफर किए गए डाटा पर निर्भर करता है|

एक वायर बराबर 1 bit डाटा बस की स्पीड उसकी चौड़ाई बढ़ाने से बढ़ेगी टाटा बस की चौड़ाई को बीट्स की संख्या से मापा जाता है जैसे 16 बीट बस ट्रांसमीट 16-bit डाटा |

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बस के प्रकार

कंप्यूटर बस के प्रकार निम्न है हैं

1.इंटरनल बस 2.एक्सटर्नल बस 3.डाटा बस 4.कंट्रोल बस 

1.इंटरनल बस

किसी सिस्टम कंप्यूटर बस को फ्रंट साइड बस , मेमोरी बस के नाम से भी जानते हैं यह मदरबोर्ड के साथ आंतरिक रूप से सभी कंपोनेंट को जोड़ता है यह बसें अपेक्षाकृत काफी तेज होती है इसके कुछ मुख्य प्रकार है |

2.एड्रेस बस

कंप्यूटर बस में एड्रेस बस की आवश्यकता तब होता है जब प्रोसेसर को मेमोरी के लोकेशन को पढ़ना या लिखना ( read-write ) होता है तो यह एड्रेस बस उसके लोकेशन का एड्रेस बताता है एड्रेस बस की चौड़ाई यह निर्धारित करता है कि सिस्टम में यह कितनी मात्रा में एड्रेस भेजेगा |

या

जब प्रोसेसर को मेमोरी को read-write करना हो या किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट डाटा लेना हो और उसे आउटपुट डिवाइस तक पहुंचाना हो तो प्रोसेसर एक एड्रेस जनरेट करता है|जो सभी आवश्यक कंपोनेंट के लिए और वह एड्रेस बस के माध्यम से अड्रेस सिग्नल कंपोनेंट के पास पहुंचा देता है|

एड्रेस बस की लंबाई 16 इंच होता है यह यूनिलैटरल है कहने का अर्थ यह है कि एक बार कंप्यूटर को एड्रेस देने के बाद उसका उस पर्टिकुलर इंस्ट्रक्शन से कंट्रोल समाप्त हो जाता है |

3.डाटा बस

कंप्यूटर बस  में डाटा का ट्रैवल करने के लिए डाॅटा बस का उपयोग करते हैं यह बाई लेटरल होता है मान लो यदि किसी इनपुट डिवाइस से कुछ टाइप करता हू और चाहता हूं वो आउटपुट में शो हो तो डाटा बस इनपुट से लिए गए डाटा को मेन मेमोरी से गुजरते हुए प्रोसेसर के पास लाएगा और प्रोसेसर से फिर मेमोरी के पास लाकर आउटपुट में शो करेगा |

डाटा बस कि लंबाई word की साइज पर डिपेंड करेगा यह वर्ड मेमोरी के 1 cell में लोड हो सकने वाला डाटा होता है और यह बस 16 बीट का होता है |

4.कंट्रोल बस 

कंप्यूटर बस  में कंट्रोल सिग्नल या टाइमिंग सिग्नल को सेंड करने के लिए प्रोसेसर में एक हार्डवेयर होता है जिसे कंट्रोल यूनिट कहते हैं ईसी कंट्रोल यूनिट के द्वारा कंट्रोल सिग्नल जनरेट किया जाता है यह सिग्नल को करेक्ट टाइमिंग के साथ कंट्रोल बस के माध्यम से मेमोरी इनपुट आउटपुट डिवाइस के पास भेजता है |

या आसान भाषा में समझे तो जैसे एड्रेस बस रीड राइट डाटा के लिए मेमोरी का एड्रेस रखता है और डाटा बस मेमोरी प्रोसेसर और इनपुट आउटपुट डिवाइस के बीच डाटा पहुंचाता है तो कंट्रोल बस सीपीयू के साथ दूसरे डिवाइस को संपर्क करता है और उन को कंट्रोल करता है|

कंप्यूटर बस के कुछ अन्य प्रकार

संचार के लिए पेडलर और सीरियल बस का उपयोग करता है

सिस्टम बस

कंप्यूटर बस

पैरेलल बस

यह बस एक बार में कई  सारे डेटा बीट्स को प्रसारित करता है

सीरियल बस

यह बस केवल एक बार में एक ही बिट डाटा को ट्रांसफर करता है 

एक्सटर्नल बस

एक्सटर्नल डिवाइस को कनेक्ट करने के लिए एक्सटर्नल बस या expansion bus का उपयोग कराता है 

बस की परिभाषा

बस कंप्यूटर आर्किटेक्चर में एक संचार प्रणाली है जो कंप्यूटर के अंदर या बाहर घटकों के बीच डाटा स्थानांतरित करता है

बस की विशेषताएं

बस में एक बार गेट ट्रांसमिशन के लिए जानकारी उपस्थित होती है एक 32 लाइन वाले रिबन केबल की सहायता से एक साथ 32 बिट डाटा स्थानांतरित होते हैं वहीं दूसरी ओर विरथ का प्रयोग एक कंप्यूटर बस द्वारा एक बार में ट्रांसफर की गई बिट की संख्या को बताने के लिए किया जाता है|

बस की स्पीड उसकी फ्रीक्वेंसी एवं प्रति सेकंड ट्रांसफर किए गए डाटा पैकेट पर निर्भर करता है प्रत्येक बार के डाटा ट्रांसफर को साईकिल कहा जाता है |

बस आर्किटेक्चर

बस एक कम्युनिकेशन pathway है जो एक या एक से अधिक डिवाइस से कनेक्ट होता है बस का मेन कार्य के डिवाइस के बीच ट्रांसफॉरमेशन मीडियम को शेयर करना होता है|

बहुत से डिवाइस बस से जुड़े होते हैं जिनमें से एक सिग्नल ट्रांसमीट करता है और दूसरा सिग्नल को रिसीव करता है|

बस कैसे काम करता है

एक बस विद्युत संकेतों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करती है। एक वास्तविक बस मदरबोर्ड की सतह पर  तांबे के सर्किट की एक अंतहीन मात्रा के रूप में दिखाई देती है।

बस इंटरफेस यूनिट के माध्यम से बस को सीपीयू से जोड़ा जाता है। डेटा बस के साथ सीपीयू और मेमोरी के बीच डेटा यात्रा करता है। उस डेटा का स्थान (पता) पता बस के साथ ले जाया जाता है।

बस के कार्य

Data sharing

बसों को कंप्यूटर और इससे जुड़े बाह्य उपकरणों के बीच डेटा स्थानांतरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। डेटा को समानांतर में स्थानांतरित किया जाता है, जो एक बार में 1, 2, 4 या 8 बाइट्स डेटा के आदान-प्रदान की अनुमति देता है। (एक बाइट बिट्स का एक समूह है जिसका उपयोग सामान्य रूप से 8 बिट्स के चरित्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है।)बस एक ही समय में कितने बिट्स को स्थानांतरित कर सकते हैं,इसके आधार पे बसों को वर्गीकृत किया जाता है  जिसका अर्थ है कि हमारे पास 8-बिट, 16-बिट 32-बिट या यहां तक ​​कि 64-बिट।

Addressing

एक बस में एड्रेस लाइन होती है, जो प्रोसेसर से मेल खाती है। यह डेटा को विशिष्ट मेमोरी स्थानों पर या से भेजने की अनुमति देता है।

Power

एक बस इससे जुड़े विभिन्न बाह्य उपकरणों को बिजली की आपूर्ति करती है। यह एक डिस्क ड्राइव के विपरीत है जिसे बिजली आपूर्ति इकाई से जोड़ने की आवश्यकता होती है।

Timing

बस बाकी सिस्टम के साथ इससे जुड़े पेरिफेरल्स को सिंक्रोनाइज़ करने के लिए एक सिस्टम क्लॉक सिग्नल प्रदान करती है।

हमने जाना

दोस्तों मुझे उम्मीद है आप लोगों को हमारा यह लेख ” बस ” जरूर पसंद आया होगा इस लेख में हमने जाना बस हमारे कंप्यूटर सिस्टम में सारे पार्ट्स और पेरीफेरल डिवाइस को कनेक्ट करते हैं इससे विभिन्न प्रकार और उनके कार्यों को भी हमने जाना |

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