सीपीयू – cpu क्या है ? सीपीयू के कार्य और प्रकार

सीपीयू – cpu की जानकारी की तलाश में इस साइट पर आए हैं मैं आपको विश्वास दिलाता हूं जब तक आप इस आर्टिकल को कंप्लीट करेंगे तो आप जान चुके होंगे कि सीपीयू क्या है?और कैसे काम करता है ?

इसके विषय में सारी जानकारी आपको मिल चुकी होगी| मैं चाहता हूं कि रीडर्स को कंप्लीट जानकारी मिले हमारे इस वेबसाइट का मकसद ही यही है कि जानकारी को कंप्लीट करा जाए क्योंकि आधी अधूरी जानकारी सही नहीं होती है

friends जब मैंने पहली बार कंप्यूटर के बारे में जाना तो बार-बार सुनने में यह आता था पीसी या सीपीयू ,मैं यह सोचता था कि कंप्यूटर के कैबिनेट या मॉनिटर को ही सीपीयू कहते होंगे |

परंतु जैसे-जैसे मैंने कंप्यूटर को पढ़ना, सीखना और समझना शुरू किया तब मुझे पता चला कि प्रोसेसर तो कंप्यूटर का सिर्फ एक पार्ट है|

और कंप्यूटर काफी सारे पार्ट से मिलकर बना हुआ एक सिस्टम है प्रोसेसर जो कंप्यूटर में हमारे लिए डाटा या इंफॉर्मेशन को प्रोसेस करने का काम करता है |

अब प्रोसेस, इसका क्या मतलब है क्योंकि हमारी लैंग्वेज और कंप्यूटर की लैंग्वेज में फर्क होता है हम साधारण शब्दों का उपयोग करते हैं जो कंप्यूटर समझता नहीं है उसे समझने के लिए किसी और भाषा का प्रयोग करता है |

जैसे कि बायनरी कोड का |प्रोसेसर डाटा प्रोसेस करने के लिए उसके साथ उसे काफी सारी सहयोग की आवश्यकता होती है जैसे रैम,  कैश मेमोरी,  रजिस्टर, कंट्रोल यूनिट, अर्थमैटिक लॉजिकल यूनिट की |इन सभी का अपना एक अलग योगदान होता है प्रोसेसर को सहयोग देने के लिए डाटा प्रोसेस करने में|

जैसे जैसे हमारी टेक्नोलॉजी विकास कर रहा है वैसे वैसे हमें ज्यादा से ज्यादा जटिल प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए फास्ट सीपीयू की जरूरत होती है जोकि इन जटिल प्रक्रियाओं को आसानी से पूरा कर सकता है |

Table of Content

सीपीयू क्या है ?

Experimental Morpheus CPU is 'mind-bogglingly terrible' to crack | Network World

सीपीयू – cpu सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या माइक्रोप्रोसेसर आदि नामों से भी जानते हैं आप इसे कंप्यूटर का प्राइमरी कंपोनेंट भी कह सकते हैं और इसे कंप्यूटर का ब्रेन भी कहा जाता है |

क्योंकि जिस तरह हमारा दिमाग पूरे शरीर को कंट्रोल करता है उसी प्रकार हम यह कह सकते हैं कि सीपीयू भी कंप्यूटर के सभी गतिविधिर्यो को नियंत्रित करता है या यूजर के द्वारा दिए गए निर्देश को पूरा करने का काम या करता है |

इस कारण इसे  प्रोसेसिंग component या प्रोसेसिंग डिवाइस भी कहते हैं यह एक चौकोर शेप वाला नोकदार चिप होता था जिसे पिन लेस प्रोसेसर से बदल दिया गया है |

जिसे मदरबोर्ड के सी पी यू सॉकेट में असेंबल किया जाता है जो कि कंप्यूटर प्रोग्राम कि सभी निर्देशों को बड़े आराम से करता  है यह कंप्यूटर की सभी इंपोर्टेंट टास्क को जैसे arithmetical, logical आदि को भी आसानी से हैंडल करता है

वर्तमान समय में जो सीपीयू आ रहा है वह मल्टी टास्किंग के दृष्टिकोण से बेहद सुदृढ़ है और जटिल प्रोग्राम को कंप्लीट करने के लिए हम बेहतर प्रोसेसर की तलाश में रहते हैं और कंपनी इस कमी को अलग-अलग वेरिएशन के रूप में पूरा भी करते आ रहे है |

यदि आप कंप्यूटर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं और आपको नहीं पता है कि आपके कंप्यूटर में क्या कॉन्फ़िगरेशन रहना चाहिए तो कहने का मतलब यह है कि प्रोसेसर का चुनाव आपको कैसे करना चाहिए |

तो मुझे तो यह समझ में आता है कि प्रोसेसर का चुनाव हमें हमारे कार्य के अनुसार ही चुनना चाहिए| ऐसे में अगर आपको कुछ बेसिक कार्य करना है जैसे एम एस वर्ड से रिलेटेड काम, एक्सल शीट्स रिलेटेड काम, या फिर कह सकते हैं|

डाटा एंट्री से संबंधित काम, tally से रिलेटेड काम तो आपको एडवांस सीपीयू लेने की कोई आवश्यकता नहीं है|क्योंकि ऐसे कार्यों को आप कम रेंज में आने वाले और कम स्पीड में आने वाले सीपीयू के साथ भी बहुत अच्छे से काम कर सकते हैं |

और यदि आपको एडवांस वर्क कर रहे या मल्टीमीडिया से रिलेटेड काम कर रहे हैं जैसे फोटो कि एडिटिंग करना या वीडियो को एडिटिंग करना तो ऐसी स्थिति में आपको बहुत तेज माइक्रोप्रोसेसर की आवश्यकता होगी|

क्योंकि सीपीयू काफी महंगा उपकरण है और उसकी तुलना में हमें कम दाम में अच्छे प्रोसेसर भी मार्केट में उपलब्ध है जिसके जरिए हमारा काम आसानी से हो सकता है |

इसीलिए हमें प्रोसेसर का चुनाव अपने कार्य के अनुसार ही करना चाहिए|इस आर्टिकल में हम सीपीयू के विषय में जानेंगे और समझने का प्रयास करेंगे कि सीपीयू क्या है और कैसे काम करता है इसके काम का आधार क्या है क्यों इसे सिर्फ प्रोसेसर कहते हैं और क्या इसका इतिहास है|

पिन प्रोसेसर ओर पिनलेस प्रोसेसर मे अन्तर

पिन प्रोसेसर ( pga ) pin grid array

इस तरह के सीपीयू – cpu में पिन बने होते हैं जिसके लिए हमें होल वाले सोकेट की जरूरत होता है क्योंकि हमारे प्रोसेसर में पिन बना हुआ है इसीलिए हमें ऐसे मदरबोर्ड की आवश्यकता होता है जिसके सॉकेट में होल बना हुआ हो जिसके माध्यम से हमारा प्रोसेसर मदर बोर्ड में फिक्स हो जाना चाहिए |

सीपीयू को मदरबोर्ड के सॉकेट में एक सिंगल लीवर की सहायता से असेंबल कर दिया जाता है इसमें सीपीयू की पिन है वह गोल्ड प्लेटेड होती है इसे मदरबोर्ड में फिक्स करते समय किसी प्रकार का कोई फोर्स नहीं लगता जिसे हम जीरो insertion फोर्स भी कहते हैं |

असेंबली के दौरान इनके टूटने का या bend होने का खतरा बना रहता है इसमें लगभग 1151 होते हैं वर्तमान में A. M. D द्वारा इस प्रकार के प्रोसेसर का निर्माण किया जा रहा है|

पिन लेस प्रोसेसर ( lga ) land grid array 

इस प्रकार के सीपीयू – cpu फ्लैट होते हैं  सारे कांटेक्ट  प्रोसेसर में पैड होते हैं जो कि गोल्ड plated होते हैं सीपीयू फ्लैट होने के कारण उसे होल्ड करने के लिए सोकेट को बेहतर पकड़ के लिए डिज़ाइन किया जाता है |

जिसमें डुएल लिवर  के साथ clamp करने के लिए उपयोग किया जाता है पिन ना होने कारण उसके टूटने या bend होने का किसी प्रकार का कोई डर नहीं होता इसके स्थान पर मदरबोर्ड में पिन को फिट किया जाता है |

मदरबोर्ड में लगे पिन को सुरक्षित रखने के लिए उस पर एक कवर भी लगाया जाता है  2011 पेड होता है वर्तमान में intel द्वारा इस प्रकार के प्रोसेसर का उपयोग किया जा रहा है|

सीपीयू की परिभाषा

यूज़र द्वारा दिए गए इंफॉर्मेशन या डाटा को दूसरे सीपीयू कंपोनेंट chace memory, ragister control unit के साथ मिलकर सारे अरथमेटिकल और लॉजिकल कार्य को प्रोसेस करता है जिसे हम C. P . U कहते हैं या माइक्रोप्रोसेसर भी कहते हैं|

या एक कंप्यूटर सिस्टम का घटक जो सिस्टम के बुनियादी संचालन (जैसे डेटा प्रोसेसिंग) करता है, जो सिस्टम की मेमोरी या पेरिफेरल्स के साथ डेटा का आदान-प्रदान करता है, और जो सिस्टम के अन्य घटकों का प्रबंधन करता है |

सीपीयू का फुल फॉर्म

सीपीयू का फुल फॉर्म है सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट

सीपीयू को हिंदी में क्या कहते हैं

सीपीयू को हिंदी में केंद्रीय प्रचालन तंत्र या केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई कहा जाता है|

सीपीयू का इतिहास

शुरुआत के दिनों के कंप्यूटरों को फिक्स्ड प्रोग्राम कंप्यूटर कहा जाता था वह इसलिए कि इनको Eniac (इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर- पहला कंप्यूटर जो प्रोग्रामेबल था और जो रिप्रोग्रामिंग के माध्यम से संख्यात्मक समस्याओं के एक बड़े वर्ग को हल करने में सक्षम था)

प्रारंभिक कंप्यूटरों को अलग-अलग कार्य करने के लिए रिवायर करना पड़ता था सीपीयू – cpu शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1955 में किया गया था |

क्योंकि सीपीयू शब्द को आमतौर पर सॉफ्टवेयर (कंप्यूटर प्रोग्राम) के निष्पादन के लिए एक उपकरण के रूप में परिभाषित किया जा रहा था शुरुआत के सीपीयू को Store program computer  के रूप में जाना जाता था|

30 June 1945 को eniac के बनने से पहले जॉन वैन न्यूमन edvac पर अपना एक पहला रिपोर्ट पेश किया|यह एक स्टोर प्रोग्राम कंप्यूटर की रूपरेखा थी जो अगस्त 1949 में पूरी हो गई|

edvac को विभिन्न प्रकार के निर्देशों की एक निश्चित संख्या को निष्पादित करने के लिए डिजाइन किया गया था इसने eniac की कार्य करने की जो सीमा थी उस पर एक नया आयाम दे दिया और कंप्यूटर को फिर से रिकंफीग्रेशन किया गया ताकि नए आने वाले कार्यों को बेहतर ढंग से किया जा सके|

edvac द्वारा चलाए जाने वाले प्रोग्राम वॉन न्यूमन के डिजाइन के साथ मेमोरी की सामग्री को बदलकर बदला जा सकता था प्रारंभिक सीपीयू –  कस्टम डिजाइन था जिनका उपयोग बड़े और कभी-कभी विशिष्ट कंप्यूटर के हिस्से के रूप में किया जाता था |

हालांकि किसी विशेष एप्लीकेशन के लिए कस्टम सीपीयू को डिजाइन करने की इस पद्धति में काफी हद तक बड़ी मात्रा में उत्पादित बहुउद्देशीय प्रोसेसर के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है |

यह मानकीकरण असतत ट्रांजिस्टर, मेनफ्रेम और मीनी कंप्यूटर के युग में शुरू हुआ और ic के लोकप्रिय होने के साथ तेजी से बढ़ा |ic ने तेजी से जटिल स्थितियों को नैनोमीटर के क्रम पर सहनशीलता के लिए डिजाइन और निर्मित करने की अनुमति दी |

सीपीयू के लघु करण और मानकीकरण दोनों ने आधुनिक जीवन में डिजिटल उपकरणों की उपस्थिति को समर्पित कंप्यूटिंग मशीनों के सीमित अनुप्रयोग से कहीं अधिक बढ़ा दिया |

आधुनिक माइक्रोप्रोसेसर ऑटोमोबाइल से लेकर सेलफोन और कभी-कभी खिलौनों में भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में दिखाई देते हैं जबकि न्यू मन को अक्सर edvac के अपने डिजाइन के कारण संग्रहित प्रोग्राम कंप्यूटर के डिजाइन का श्रेय दिया जाता है |

और डिजाइन को वॉन न्यूमन वास्तु कला के रूप में भी जाना जाने लगा था उससे पहले अन्य जैसे कोनराड जूस ने इसी तरह के विचारों का सुझाव दिया और उन्हें लागू किया|

GENERATION OF CPU

जनरेशन को इस प्रकार से समझ सकते हैं की हमारी जैसी कार्य की आवश्यकता थी उसी अनुसार सीपीयू – cpu का विकास किया गया |जैसे हर पीढ़ी की जरूरत होती अलग होता है और उसके कंप्यूटर पर कार्य भी अलग होते हैं |

उसी के आधार पर सीपीयू का भी विकास होता गया और सीपीयू छोटा होता गया लेकिन उसकी क्षमता एवं दक्षता बढ़ता गया | सीपीयू के कुछ पीढ़ी जो मेरी जानकारी में है उसे आपके साथ साझा कर रहा हूं |

First generationसीपीयू – cpu(1940)

Vaccume tube  cpu

वेक्यूम ट्यूब सी पी यू  की पहली पीढ़ी थी और यह मेमोरी के लिए वेक्यूम ट्यूब और मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग करता था यह आकार में बड़ा और काफी महंगा होता था |

क्योंकि यह आकार में काफी बड़ा होता था और अत्यधिक बिजली का  उपयोग करता था जिसके कारण यह काफी गर्म हो जाता था और मशीनों की खराबी का भी कारण बनता था|

Second generation (1956)

Transister

दूसरी पीढ़ी का सीपीयू – cpu था और वेक्यूम ट्यूब को रिप्लेस कर दिया था ट्रांजिस्टर को 1947 में बनाया गया था और 1950 आते-आते इसका उपयोग कंप्यूटर में शुरू कर दिया गया था |

क्योंकि ट्रांजिस्टर भी काफी बड़ा था और इसे कंप्यूटर के हिसाब से छोटा बनाया गया परंतु समस्या वही पहले जैसा था हिटिंग का है यह सीपीयू सिंबॉलिक और असेंबली लैंग्वेज का उपयोग कर रहा था जिसके कारण प्रोग्रामिंग भाषा का विकास शुरू हुआ जिसे कोबोल और फ्रंट रन के नाम से जानते हैं|

third generation (1964)

Intigreted circuit

यह सीपीयू – cpu रांजिस्ट्रो का समूह था या एक साथ एक दूसरे से जुड़ा हुआ ट्रांजिस्ट्रो का समूह था जिसे IC  के रूप में जाना जाता था या यह जाना जाता है |

शुरुआत के दिनों में इस SSI(स्मॉल स्केल इंटीग्रेशन डिवाइस) के रूप में जानते थे और सर्वप्रथम SSI IC का उपयोग अपोलो कंप्यूटर में और बाद में IBM-S/370, PDP/10 में उपयोग किया गया था |

IC सीपीयू को बनाने के लिए लाखो IC चिप की आवश्यकता होती थी  यह छोटा और उच्च क्षमता और दक्षता वाला होता था|

fourth generation cpu (1971)

microprocessor

चौथी पीढ़ी के सीपीयू को माइक्रोप्रोसेसर कहां जाता था और अभी तक उसे माइक्रो प्रोसेसर ही कहते हैं य‍ह पहले, दूसरे, तीसरे, पीढ़ी की तुलना में काफी छोटा होता है और  इसके अंदर लाखो ट्रांजिस्टर IC के रूप में जुड़े होते हैं|

यह इतना छोटा होता है कि इसे हम हाथों से पकड़ सकते हैं इंटेल ने 9004 बनाया था यह प्रोसेसर के सभी घटकों को कंट्रोल करता है सिंगल चिप होने के बावजूद|

fifth generation (present)

Artificial intelligence

इसे हम कृत्रिम बुद्धिमता भी कहते हैं कंप्यूटर को सोचने समझने की शक्ति देने की शुरुआत है और लगातार इसका विकास हो रहा है रोबोट के रूप में ऑटोमेटिक कार्स के रूप |

सीपीयू के मुख्य भाग

सी पी यू के मुख्य दो भाग हैं

1.प्रोसेसिंग यूनिट ,2. मेमोरी यूनिट

प्रोसेसिंग यूनिट

Arithmetic logical unit

यह दो सबसेक्शन में काम करता है अर्थमैटिक यूनिट यह सभी प्रकार की गणितीय संख्यिकी जैसे जोड़, घटाना, गुणा, भाग आदि से संबंधित कार्य को करने के लिए डिजाइन किया गया है |

जबकि लॉजिक यूनिट का काम लॉजिक से संबंधित कार्य को पूरा करता है जैसे तुलना करना, सिलेक्ट करना, मैचिंग करना ओर डाटा को मर्ज करना इत्यादि|

कंट्रोल यूनिट

सीपीयू – cpu के ऑपरेशन को कंट्रोल करता है जब सीपीयू के पास कोई इंस्ट्रक्शन आता है तो कंट्रोल यूनिट जिसे वैल्यू मेमोरीसे जूडा हुआ इनपुट आउटपुट डिवाइस के पास सही टाइम पर भेजता है इस कारण से कंप्यूटर का मैनेजर भी कहते हैं|

मेमोरी यूनिट

Register

रजिस्टर उन सभी सीपीयू – cpu द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यो के डाटा के विभिन्न path को स्टोर करने का कार्य करता है जो यूजर द्वारा इनपुट किया जाता है |

जो ram के माध्यम से कंट्रोल यूनिट द्वारा प्रोसेसिंग करने के बाद तब तक अपने पास रखता है जब तक आउटपुट डिवाइस को या एक्सटर्नल मेमोरी को ना मिल जाए |

cache memory

कैश मेमोरी सीपीयू – cpu की प्राइमरी मेमोरी होती है ऐसा हम समझ सकते हैं कैश मेमोरी प्रोसेस डाटा को होल्ड करता है कैश मेमोरी ऐसा इसलिए करता है क्योंकि कैश मेमोरी प्रोसेसर के सबसे नजदीक की मेमोरी होता है

सीपीयू को जब भी भविष्य में कोई इंफॉर्मेशन की आवश्यकता होता है तो वह सर्वप्रथम कैश मेमोरी से data प्राप्त कर सके और प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को तेजी से किया जा सके |

यदि प्रोसेसर info ke exicution के लिए एड्रेस कोड व डाटा को खोजता है और वह  कैश मेमोरी में नहीं मिलता तो वह L1 कैश  मिस होता है तो वह L2 के पास जाता है वहां डाटा मिलने पर सक्सेस का सिग्नल भेजता है |

कैश मेमोरी वोलेटाइल मेमोरी होता है इसकी साइज बहुत कम होती है लगभग 3 एमबी 4 एमबी 6 एमबी और यह काफी महंगा चिप होता है यह बहुत तेजी से काम करता है|

सीपीयू कैसे बनाते है ?

सीपीयू – cpu कैसे बनता है यह बता पाना थोड़ा सा मुश्किल है क्योंकि यह काफी जटिल प्रक्रिया है फिर भी मेरी जानकारी के अनुसार मैं इसे समझाने का प्रयास करता हूं |

सबसे पहले हमें सर्किट की आवश्यकता होता है जो विद्युत का अच्छा सुचालक होना चाहिए जैसे सिलवर – इसका उपयोग बहुत ही छोटे छोटे ट्रांजिस्टर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है इन  लाखो ट्रांजिस्टरो को मिलाकर लाखो छोटे ic के रूप में बनाया जाता है |

चुकि ये सभी सर्किट सुचालक पदार्थ के बने होते हैं वह आपस में एक दूसरे के साथ टकराकर स्पार्क उत्पन्न कर सकते हैं इस कारण ऐसे मटेरियल की आवश्यकता थी जो इन ic को इंसुलेट कर सके जिसके लिए सिलिकॉन का उपयोग किया गया जो कि हमारी धरती पर ऑक्सीजन के बाद सबसे ज्यादा मिलने वाला तत्व है |

जो धरती के अंदर परतों में रेत के रूप में दबा हुआ है इसे उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है और दूसरे केमिकल का उपयोग कर फिल्टर कर शुद्ध सिलिकॉन प्राप्त किया जाता है और उसे सिलेंडर के रूप में ढाल लिया जाता है |

जिसे हम ingot के नाम से जानते हैं ingot को एक पतली स्लाइसर की मदद से पतली फिल्म के रूप में काट लिया जाता है फिर इस पतली काटी गई फिल्म को फोटोसेंसेटिव केमिकल से पोलीस किया जाता है |

फिर पॉलिश स्लाइस में अल्ट्रावॉयलेट लेजर के माध्यम से ट्रांजिस्टर से बने आई सी के डिजाइन को प्रिंट किया जाता है फिर उस पर tiny कंडक्टर की सहायता से एक दूसरे से कनेक्ट कर दिया जाता है और उसे सिलिकॉन चिपको मेटल से कवर कर दिया जाता हैफ़िर टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है|

सीपीयू की बनावट

सीपीयू के कार्य

अधिकांश सीपीयू  का मौलिक संचालन चाहे वह किसी भी भौतिक रूप में  संग्रहित निर्देशों के अनुक्रम को निष्पादित करना है जिसे हम प्रोग्राम कहते हैं ओर एग्जीक्यूट किए जाने वाले निर्देश किसी प्रकार की मेमोरी में रखे जा सकते हैं |

लगभग सभी cpu अपने संचालन में निम्न चरणों का प्रयोग करते हैं जिन्हें सामूहिक रूप से निर्देश चक्र के रूप में जाना जाता है एक निर्देश चक्र के निष्पादन के बाद पूरी प्रक्रिया अगले निर्देश चक्र के साथ दोहराती है |

सबसे पहले मेमोरी से एक निर्देश को प्राप्त किया जाता है फिर निर्देश को डिकोड किया जाता है और प्रोसेसर यह पता लगाता है कि उसे क्या करने के लिए कहा जा रहा है फिर उस इंस्ट्रक्शन को एग्जीक्यूट करता है|

इसे हम निम्नानुसार भी समझ सकते है

निर्देश निष्पादन: सीपीयू प्रोग्राम और एप्लिकेशन से निर्देशों को निष्पादित करने के लिए जिम्मेदार है। यह मेमोरी से निर्देश प्राप्त करता है, उन्हें डिकोड करता है, आवश्यक गणना या संचालन करता है, और फिर परिणामों को संग्रहीत करता है।

अंकगणित और तर्क संचालन: सीपीयू डेटा को संसाधित करने और हेरफेर करने के लिए अंकगणितीय संचालन (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) और तर्क संचालन (तुलना, बूलियन संचालन) करता है।

नियंत्रण इकाई: सीपीयू के भीतर नियंत्रण इकाई निर्देशों के निष्पादन का प्रबंधन करती है, जिसमें निर्देश अनुक्रमण, शाखाकरण और कंप्यूटर के विभिन्न हिस्सों के बीच डेटा स्थानांतरण शामिल है।

घड़ी प्रबंधन: सीपीयू एक घड़ी संकेत के अनुसार संचालित होता है, जो निर्देशों के निष्पादन को सिंक्रनाइज़ करता है। यह सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कार्यों के समय और समन्वय का प्रबंधन करता है।

डेटा हेरफेर: सीपीयू डेटा को संसाधित और हेरफेर करता है, जिसमें मेमोरी से डेटा पढ़ना, उसे संशोधित करना और परिणामों को मेमोरी में वापस संग्रहीत करना शामिल है।

I/O (इनपुट/आउटपुट) संचालन: सीपीयू इनपुट और आउटपुट संचालन को नियंत्रित करता है, जिससे परिधीय उपकरणों (जैसे, कीबोर्ड, माउस, स्टोरेज डिवाइस) और कंप्यूटर के बीच संचार की सुविधा मिलती है।

कैश प्रबंधन: सीपीयू में अक्सर कैश मेमोरी होती है, जो तेज़ पहुंच के लिए अक्सर उपयोग किए जाने वाले डेटा और निर्देशों को संग्रहीत करती है। प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए सीपीयू इस कैश को प्रबंधित करता है।

मल्टीटास्किंग: आधुनिक सीपीयू मल्टीटास्किंग का समर्थन करते हैं, जिससे एक साथ कई प्रक्रियाओं या कार्यक्रमों के निष्पादन की अनुमति मिलती है। समवर्ती निष्पादन की उपस्थिति प्रदान करने के लिए सीपीयू कार्यों के बीच तेजी से स्विच करता है।

इंटरप्ट हैंडलिंग: सीपीयू इंटरप्ट पर प्रतिक्रिया करता है, जो हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर से सिग्नल होते हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यह वास्तविक समय प्रसंस्करण और कुशल संसाधन प्रबंधन को सक्षम बनाता है।

वर्चुअल मेमोरी प्रबंधन: सीपीयू वर्चुअल मेमोरी का प्रबंधन करता है, एक ऐसी तकनीक जो रैम के विस्तार के रूप में स्टोरेज डिवाइस (जैसे, हार्ड ड्राइव) का उपयोग करके भौतिक रूप से उपलब्ध मेमोरी से अधिक मेमोरी के उपयोग की अनुमति देती है।

इन तीनो चरणों को एक चक्र के रूप में दोहराया जाता है सीपीयू के द्वारा इसके विषय में आगे हम चर्चा करेंगे|

Fetch ,decode ,execute

Fetch

Fetch का मतलब है लाना – जब हम किसी प्रोग्राम को एक्टिव करते हैं या उसके निष्पादन के लिए कोई इंस्ट्रक्शन हम इनपुट करते हैं तो सी पी यू – cpu के अंदर स्थित सारे रजिस्टर एक्टिव हो जाते हैं और वह सभी रजिस्टर अपना अपना कार्य  शुरू कर देते हैं |

जैसे कोई रजिस्टर कुछ इंस्ट्रक्शन का एड्रेस रखता है तो कोई उस प्रोग्राम के या कुछ इंस्ट्रक्शन के एग्जीक्युशन का रिकॉर्ड तो कोई रन हो रहे प्रोग्राम जो चेंज हो रहे हैं उसे अपडेट करने का काम करता है |

या कोई मेमोरी से आने वाले इंस्ट्रक्शन के डाटा को स्टोर करके रखता है कोई उसे कंट्रोल करने का काम करता है जब प्राप्त निर्देश को लाने के बाद पीसी के द्वारा निर्देश की लंबाई को बढ़ाया जाता है ताकि इसी क्रम में अगले निर्देश का पता चल सके|

decode

जब सी पी यू द्वारा सभी डाटा को fetch कर लिया जाता है तो यहां पर  उन सभी डाटा को decode किया जाता है और उसे सिग्नल के रूप में  exicution के लिए भेज दिया  जाता है|

execute

यहां पर डिकोड हुए इंस्ट्रक्शन सिग्नल को एग्जीक्यूट किया जाता है जिसे  सीपीयू के  निर्धारित रजिस्टर के द्वारा एग्जीक्यूट कर प्राइमरी मेमोरी के पास भेज दिया जाता है और उसे यूजर के पास पहुंचा दिया जाता है|

example:-जब आप कीबोर्ड पर टाइप करते हैं, तो कीस्ट्रोक्स कीबोर्ड द्वारा पंजीकृत होते हैं जो सीपीयू को सिग्नल भेजता है। सीपीयू कीबोर्ड इनपुट को संसाधित करता है, इसे वर्णों में परिवर्तित करता है, और वास्तविक समय में दस्तावेज़ को अपडेट करता है।

जब आप टाइप कर रहे होते हैं, तो सीपीयू विभिन्न कार्यों का प्रबंधन कर रहा होता है, जैसे सिस्टम संसाधनों की निगरानी करना, पृष्ठभूमि प्रक्रियाओं को चलाना और अन्य खुले अनुप्रयोगों को संभालना।

जब आप दस्तावेज़ सहेजते हैं, तो सीपीयू हार्ड ड्राइव पर दस्तावेज़ लिखने के लिए स्टोरेज डिवाइस के साथ समन्वय करते हुए, एक I/O ऑपरेशन शुरू करता है। यदि आप वेब ब्राउज़र पर स्विच करने का निर्णय लेते हैं, तो सीपीयू संक्रमण का

सीपीयू के कोर

सीपीयू – cpu के प्रकार या कोर से का क्या तात्पर्य है जब भी यह सोचता हूं तो मेरे ध्यान में आता है सीपीयू कि परफॉर्मेंस और उसकी स्पीड |

जब सिंगल कोर सीपीयू अस्तित्व में आया तब तत्काल समय में वह एडवांस प्रोसेसर हुआ करता था यूज़र द्वारा निर्देशित  कार्यों को वह बहुत अच्छे ढंग से करता था परंतु उसे भी समय के साथ विकसित करना पड़ा |

क्योंकि कंप्यूटर से हमारी उम्मीदें बढ़ने लगी जिससे हम मल्टी टास्किंग की ओर बढ़ने लगे| वर्तमान में जब हम प्रोसेसर का चुनाव करते हैं तो हमें यह ध्यान रखकर चलना चाहिए कि इसकी स्पीड क्या है और यह हमारी जरूरत के हिसाब से हमारे सारे कामों को आसानी से और जल्दी से पूरा कर सके |

सीपीयू के प्रकार को जानने से पहले हमें जाना होगा कि कोर क्या होता है  कोर प्रोसेसर का एक भाग या आसान भाषा में समझे तो हम इसे एक रास्ता मान सकते हैं |

जहां से एक बार में केवल एक गाड़ी आ या जा सकता है प्रोसेसर को जितने कोर होंगे उतना ही रास्ता होगा ऎसा हम समझ सकते हैं|

सीपीयू के प्रकार

Single core CPU

जिस तरह की सीपीयू – cpu में केवल एक कोर होता है इसमें हम एक बार में केवल एक ही task को कर सकते हैं यदि हम इसके साथ कहीं और ऑपरेशन करेंगे |

जैसे की टाइपिंग करना और गाना सुनना यदि एक साथ दो या तीन ऑपरेशन स्टार्ट करने पर यह काफी स्लो हो जाता है जिस से ज्यादा समय का loss होता था|

dual core CPU

इसका मतलब सीपीयू – cpu के दो भाग या दो सेट आईसी चिप का या दों कोर या दो रास्ता ऐसा हम समझ सकते हैं जहां पर एक बार में आना और जाना संभव हो जाता है कहने का अर्थ यह है कि यह मल्टीटास्किंग के लिए सिंगल कोर प्रोसेसर की अपेक्षा बेहतर होता है|

तो यह वह काम कम समय में कर देगा सिंगल कोर की अपेक्षा इसी प्रकार उसे प्रोसेसर की क्षमता को और बेहतर से बेहतर बनाने के लिए उसे प्रोसेसर के कोर् को बढाते गये |

जिसके कारण हमें मल्टीटास्किंग करने में आसानी हो जाता है और बड़े से बड़े प्रोग्रामिंग को आसानी से करने में भी सक्षम होता है जैसे इसी कड़ी में आगे के प्रोसेसर हैं|

quad core CPU

क्वॉर्ड कोर सीपीयू डुएल कोर का आधुनिक रूप है जिसके अंदर 4 कोर बने होते हैं यह डुएल कोर से दुगना फास्ट होता है इस प्रकार के  CPU का उपयोग gaming के लिए किया जाता है

जहां पर अलग अलग टास्क को एक ही  समय में परफ़ॉर्म करने की आवश्यकता होता है ज्यादातर मोबाइल्स में भी इसका उपयोग किया जाता है|

hexa core CPU

प्रोसेसर 6 core वाला होता है क्वॉर्ड कोर का आधुनिक रूप है जो क्वॉड कोर से भी तेज है प्रोसेसर multitasking के लिए काफी अच्छा होता है और इसका भी उपयोग gaming में  अच्छी परफॉर्मेंस  के लिए डिजाइन किया गया  है|

Octa Core CPU

इस सीपीयू – cpu में 8 इंडिविजुअल कोर होते हैं ताकि एक प्रभावी ढंग से अपने कार्य को अंजाम दिया जा सके और इसे क्वार्ड का दोहरा सेट भी कह सकते है जो क्वार्ड से भी बहुत तेजी से काम करता है|

वर्तमान में ऑक्टा कोर का उपयोग ज्यादातर तेजी के साथ multi tasking को असानी से परफॉर्म करने के लिए ही उपयोग किया जा रहा है और जो मोबाइल गेमिंग को बेहतर बनाता है|

उपलब्ध सीपीयू मॉडल

Pentiam series processor

इंटेल ने सर्वप्रथम 1993 में पेंटियम का पहला सीपीयू – cpu लांच किया था वह 80486 माइक्रोप्रोसेसर था पेटीएम दो प्रोसेसर के साथ में सिंगल चिप के रूप में आता था |

जिसमें लगभग 3 मिलियन ट्रांजिस्टर का उपयोग होता था यह प्रोसेसर cisc (कॉन्प्लेक्स इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर) आर्किटेक्टचर का उपयोग करते थे इनके मुख्य फीचर 32 बीट एड्रेस बस, 64 बिट  डेटा बस, 8 केबी केश के साथ आता था |

जो 60 से 200 mhz तक की प्रोसेसर स्पीड के साथ उपलब्धत था पेंटियम 1,पेंटियम 2,पेंटियम 3,पेंटियम 4 इसके मुख्य प्रोसेसर थे जिसे हम p1, p2, p3, p4 के नाम से भी जानते हैं|

I series processor

Core i3 प्रोसेसर

  • 2 physical Core/ 4 thread
  • 32+32kb पर कोर and L1 cache
  • 256 kb पर कोर and L2 cache 3mb L3 cache
  • 624million transister
  • Socket 1155 LGA
  • 2channel ddr3-1333

Core i5 प्रोसेसर

  • 4 physical cores / 4 thread
  • 32 + 32 kb L1 cache
  • 256 kb L2 cache
  • 6mb L3 cache
  • 995 millions transister
  • Socket 1155 LGA
  • 2 – channel ddr 3 – 1333

Core i7 प्रोसेसर

  • 4 physical cores /8 threds
  • 32 + 32 kb L1 cache
  • 256 kb L2 cache
  • 8mb L3 cache
  • 995 millions transister
  • Socket 1155 LGA
  • 2-channel ddr3 – 1333

AMD series processor

AMD दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सीपीयू – cpu बनाने वाली कंपनी है इस ने अपना पहला amd  प्रोसेसर 1994 पेश किया था इसके बाद एमडी ने अपनी बाकी प्रोसेसर मॉडल को एक के बाद एक बाजार में उतार दिया |

इसके अलावा भी कई दूसरे amd सीपीयू के मॉडल  उपलब्ध है AMD प्रोसेसर भी Intel कि तरह ही बेहतर परफॉर्मेंस के लिये जाना जाता है|

सीपीयू थ्रेडिंग क्या होता है ?

सीपीयू – cpu की क्षमता व परफॉर्मेँस स्पीड को बढ़ाने के लिए एक नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है जिसे कि हम थ्रेड के नाम से जानते हैं ये वह तकनीक है जिसमें एक सीपीयू के अंदर जो एक कोर होता है यह एक कोर डुएल कोर के समान परफॉर्मेंस देता है |

एप्लिकेशन की मदद से इसकी भी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है यह फिजिकली नहीं होता यह एक वर्चुअली होता है सीपीयू के कोर की संख्या को बढ़ाएं बिना ही उसे दो भागों में बांट दिया जाता है |

जैसे सिंगल कोर सीपीयू है तो वह डुएल कोर की तरह परफॉर्म करेगा और डुएल कोर सीपीयू है तो क्वॉड कोर की तरह परफॉर्म करेगा |

कोर क्या है इसके बारे में हमने पहले भी चर्चा किया है जैसे सीपीयू  के भाग हम कोर कहते हैं उसी प्रकार कोर के भाग को हम थ्रेड कहते हैं थ्रेड को एक प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है हर बार जब आप कोई एप्लीकेशन खोलते हैं तो यह स्वयं एक थ्रेड बनाता है |

जो उस विशिष्ट एप्लीकेशन के सभी कार्यों को संभाल लेगा इस तरह आप जितने अधिक एप्लीकेशन खोलेंगे उतने अधिक थ्रेड बनेंगे| थ्रेड को ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किसी विशिष्ट एप्लीकेशन के कार्य को करने के लिए बनाए जाते हैं कोर पर सिंगल थ्रेड उपयोगकरता से जानकारी प्राप्त करता है |

और एक थ्रेड बनाता है और इसके कार्यो को बांट देता है इसी तरह अगर इसे एक और निर्देश मिलता है तो यह दूसरा थ्रेड भी बनाता है और उसे उसके कार्यो को बांट देता है |

सीपीयू मल्टीथ्रेडिंग

किसी यूज़र द्वारा एक ही समय में कई सारे प्रोग्राम को परफॉर्म करने के लिए जब सीपीयू – cpu को कमांड दिया जाता है तो थ्रेडिंग तकनीक के कारण बिना किसी देरी के प्रोसेसर टास्क को पूरा करने मे लग जाता है |

क्योंकि प्रोसेसर के कोर की संख्या तो कम है परंतु थ्रेडिंग तकनीक के कारण एप्लीकेशन या ऑपरेटिंग सिस्टम इसकी प्रोसेसर कोर कि संख्या वर्चुअली बढ़ा देता है इसे हम मल्टीथ्रेडिंग कहते हैं|

सीपीयू बेंचमार्क

बेंचमार्क किसी भी उपकरण कि परफॉर्मेंस मानक इकाई होता है उपकरण के हार्डवेयर का परफॉर्मेंस मापने की इकाई कह सकते हैं सीपीयू – cpu बेंचमार्क यह निर्धारित करता है कि प्रोसेसर  कैसा परफ़ॉर्म करेगा या कर रहा है |

बेंच मार्क हमेशा एक जैसा नहीं रहता यह सीपीयू के जनरेशन के हिसाब से बदलता रहता है और यह सीपीयू बनाने वाली कंपनियों के हिसाब से भी बदल सकता है|

आसान भाषा में समझे तो सीपीयू  बेंचमार्क य‍ह निर्धारित करता है कि आपका प्रोसेसर आपके पसंदीदा गेम को या एप्लीकेशन को कैसे चलाता है बेंच मार्क को हम कंपैरिजन के तौर पर भी उपयोग कर सकते हैं |

यदि आप सिंगल कोर सीपीयू यूज कर रहे हैं तो बेंचमार्क की आवश्यकता नहीं है पर यदि आप गेमिंग और आपको दूसरे पीसी को कंपेयर करना है तो बेंचमार्क का उपयोग कर सकते हैं |

सीपीयू की बेंचमार्क मापने की सबसे समान्य तरीका है उसकी कोर की संख्या, ओर सीपीयू के क्लॉक स्पीड, रजिस्ट्री कॉल पर साइकिल| बेंच मार्क को दूसरे सॉफ्टवेयर की मदद से भी उपयोग किया जा सकता है |

कुछ लोकप्रिय बेंच मार्क है वेट स्टोन ड्रिस्टोन, 3D मार्क, speccy, hw monitor, sisoftware, Sandra, cpu-z, आदि.

सीपीयू स्ट्रेस टेस्ट क्या है ? what is cpu stress test ?

स्ट्रेस टेस्ट का मतलब है की अत्यधिक लोड में आपका सीपीयू – cpu कैसा व्यवहार करता है क्या उसकी परफॉर्मेंस पर कोई फर्क पड़ता है स्ट्रेस टेस्ट करने का उद्देश्य यह भी हो सकता है|

कि आपका सीपीयू या आपका सिस्टम या आपका प्रोग्राम स्ट्रेस टेस्ट को सहने के बाद वापस रिकवर कर सकता है कि नहीं या आप यह जानना चाहते हो कि जिस काम के लिए आपने सीपीयू परचेस किया है क्या उस क्षमता के अनुसार अपनी लिमिट तक लेकर जाएगा या हम कह सकते हैं|

कि आपकी प्रोसेसर की stability कितनी है इसमे आप सीपीयू की स्पीड को आप चेक कर सकते हैं सीपीयू की परफॉर्मेंस उसकी थ्रेड की संख्या पर भी निर्भर करता है आपका सीपीयू कितनी शक्ति का उपयोग कर रहा है या कर सकता है |

इसकी जानकारी आपको इस स्ट्रैस टेस्ट से पता चल जाएगा| टेस्ट के दौरान क्या आपके सीपीयू से कोई गंध तो नहीं आ रही, या वह प्रोसेसर ज्यादा गर्म तो नहीं हो रहा है |

या उसके सीपीयू फैन से बहुत तेज साउंड तो नहीं आ रहा है Occt, prime95, aida64 extreme, heavy load, आदि का उपयोग स्ट्रेस टेस्ट के लिए कर सकते हैं |

सीपीयू टेंपरेचर मॉनिटर

जब आप अपने सिस्टम पर काम करते हैं तो आपका सीपीयू – cpu कितना टेंपरेचर जनरेट कर रहा है उसे आप चेक कर सकते हैं कुछ एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर की मदद से परंतु यह क्यों गर्म हो रहा है उसका कुछ कारण हो सकता है |

आपके एप्स या एप्लीकेशन आपके किसी तरह के सॉफ्टवेयर जो अत्यधिक लोड ले रहा हो या आपका हिट सिंक सही काम नहीं कर रहा हो या सिंक जाम हो गया हो या thurmal pest सूख गया हो ओवरक्लॉकिंग से भी आपका सीपीयू गर्म हो सकता है सीपीयू के टेंपरेचर को core temp 1.11 ऐप इंस्टॉल करके भी आप चेक कर सकते हैं|

सीपीयू तापमान को कम करना

आप कौन सा सॉफ्टवेयर उपयोग कर रहे हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता सीपीयू – cpu टेंपरेचर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है क्लीनिंग का अपने सॉफ्टवेयर का क्लीनिंग कर सकते हैं |

जो सॉफ्टवेयर जरूरी ना हो उसे डिलीट कर सकते हैं अपने हार्डवेयर को क्लीनिंग करके सीपीयू फैन को क्लीन कर के और अपने हिट सिंक को |यदि इस से काम नहीं बनता तो सीपीयू में थर्मल pasting करके  टेंपरेचर को कम कर सकते हैं|

सीपीयू कूलिंग सिस्टम

सामान्य ऑपरेशन के दौरान सीपीयू – cpu के अंदर स्थित ट्रांजिस्टर विद्युत ऊर्जा को थर्मल ऊर्जा में परिवर्तित करता है इस गर्मी से सी पी यू का तापमान बढ़ जाता है और इस गर्मी को कम करने के सही साधन नहीं हो तो |

तापमान सीपीयू के लिए निर्धारित तापमान से ऊपर हो जाएगा जिससे आपका सीपीयू खराब हो जाएगा इस स्थिति से बचने के लिए हम सीपीयू कूलिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं|

सीपीयू कूलर के प्रकार

वर्तमान में ज्यादातर उपयोग होने वाले दो तरह के कूलिंग सिस्टम के बारे में हम जानेंगे!

Air cooling

एयर कूलिंग के अंतर्गत सीपीयू – cpu की गर्मी उस पर लगे थर्मल पेस्ट की मदद से हिटसींक ( एलमुनियम का बना होता है) में चला जाता है क्योंकि मेटल मे गर्मी तेजी से बढ़ता है |

तथा इस हीटसींक पर लगा फैन उस गर्मी को बाहर कर देता है जिसे हीटसीक ठंडा हो जाता है और इस कारण हमारा प्रोसेसर भी ठंडा रहता है|

liquid cooling

इसके भी सारे सिस्टम एयर कूलिंग की तरह ही कार्य करता है अंतर सिर्फ इतना है कि इसके हीटसिंक में वॉटर कूलिंग की सहायता से हीटसींक को ठंडा किया जाता है लगातार बहने वाले liquied से  जिसकी वजह से सीपीयू – cpu भी ठंडा रहता है|

सीपीयू ओवरक्लॉकिंग

सीपीयू – cpu की परफॉर्मेंस को बढ़ाना यह सीपीयू की निम्नतम मान्य लिमिट से ऊपर ले जाना या सीपीयू की क्षमता को अत्यधिक बढ़ा देना| सीपीयू को एक निश्चित गति से चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है हालांकि कुछ सीपीयू को थोड़ा आगे पुश किया जा सकता है प्रोसेसर की स्पीड को बढ़ाना को ही ओवरक्लॉकिंग कह सकते है|

यह सीपीयू  सेलक्शन करते समय काफी महत्वपूर्ण पैरामीटर हो सकता है क्योंकि यह प्रोसेसर की स्पीड को डिफाइन करता है कहने का तात्पर्य यह है कि आपके द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन को पूरा करने में सीपीयू को कितना समय लगता है या टेक्निकल टर्म में समझे तो..

क्योंकि सीपीयू हमारी भाषा को नहीं समझता वह binary (0-1) काम करता है या कहे तो सीपीयू में एक स्वीच है जिसके दो इंड है एक में ऑन और दूसरे में ऑफ |यह समझे तो 0 को ऑन और 1 को ऑफ ऐसा समझ सकते हैं |

तो उस स्वीच को एक बार ऑन और ऑफ करने में जो समय लगता है उसे हम सीपीयू की क्लॉक स्पीड कर सकते हैं यह बहुत जल्दी होने वाला प्रोसेस है सेकंड के हजारों हिस्से से भी ज्यादा हो सकता है और इसी प्रोसेस को फोर्सफूली बढ़ाया जाना ही ओवरक्लॉकिंग है|

सीपीयू क्लॉक स्पीड

क्लॉक रेट, क्लॉक साइकिल,सीपीयू – cpu फ्रीक्वेंसी आदि नामों से इसे हम जानते हैं इसे हम hz में मापते हैं प्रोसेसर में एक सर्किट लगा है जिस पर एक स्विच लगा हुआ है|

जो एक सेकंड में कितनी बार तेजी से ऑन / ऑफ हो रहा है या एक सेकंड में एक चक्र पूरा करने में कितना सेकेंड का समय ले रहा है इसे ही हम क्लॉक स्पीड कह सकते हैं क्लॉक स्पीड ज्यादा होने से वह ज्यादा इंस्ट्रक्शन को कंप्लीट कर पाएगा|

सी पी यू  की क्लॉक स्पीड को 80 mhz में देखा जा सकता है जिसका अर्थ है कि प्रत्येक 12.5 ns पर एक निर्देश को निष्पादित करना |

सीपीयू के एक चक्र में 32 बिट पूर्णाक को 16 bit पूर्णाक मे गुना करने में सक्षम है ओर यह 32 पूर्णाक को 2 चक्रों में 32 बिट पूर्णाक से गुणा करने में भी सक्षम है|

प्रोसेसर  की स्पीड सिर्फ क्लॉक स्पीड पर निर्भर नहीं करता प्रोसेसर के कोर कि संख्या कितनी है इस पर भी निर्भर करता है inner bus का स्पीड कितना है कैश मेमोरी कितनी है यह सभी सीपीयू की स्पीड पर प्रभाव डालते हैं|

1.4 System Timing

सीपीयू आई डी

जैसा कि नाम से पता चलता है सीपीयू  id यह आपकी सीपीयू की आईडी है जहां से अपने सीपीयू के बारे में सभी  जरूरी जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं जैसे कौन सा सीपीयू है उसका कोड क्या है कोर कितने है |

सॉकेट का टाइप कौन सा है आपकी सीपीयू कौन सी टेक्नोलॉजी पर काम करता है उसकी  स्पेसिफिकेशन क्या है क्लॉक स्पीड और भी बहुत कुछ जानकारी हमें पता चल सकता है|

इस जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमें cpu z एप्लीकेशन को अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करना होगा इसकी सहायता से आप अपने कंप्यूटर सिस्टम के बुनियादी जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं जैसे कैश मेमोरी, मदरबोर्ड, ग्राफिक कार्ड, बेंचमर्क आदि के बारे में विस्तार से जान पाएंगे|

सीपीयू कहां पर असेंबल किया जाता है

जब हम मदरबोर्ड को देखते हैं तो उसमें हमें एक सबसे बड़ा चौकोर शेप वाला एक छोटा सा बॉक्स दिखाई देता है बॉक्स कहना उचित नहीं होगा यह एक सॉकेट है जो चोकोर शेप का होता है और इसके ऊपर एक कवर लगा होगा जो कि प्लास्टिक का होता है|

जो सीपीयू – cpu के द्वारा लगने वाली पिन होल को कवर करके रखता है उस सॉकेट में चारों तरफ स्टील कि एक पट्टी लगा होगा और उस पर एक लीवर हो सकता है वर्तमान में यह दो लीवर के साथ आता है जो प्रोसेसर मे सॉकेट में दबा करके रखता है जिससे प्रोसेसर मूवमेंट नहीं करता|

सीपीयू सॉकेट

CPU Socket Types Explained: Socket 5 to BGA

मदरबोर्ड में सीपीयू – cpu सॉकेट या स्लॉट होता है जहां पर सीपीयू को असेंबल किया जाता है यह सॉकेट एक या एक से अधिक यांत्रिक एवं इलेक्ट्रिक घटकों से मिलकर माउंट किया जाता है|

जो प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (pcb) और माइक्रो प्रोसेसर के बीच विद्युत कनेक्शन प्रदान करता है जो कि बिना किसी सोल्डरिंग के सीपीयू को फिक्स करके रख सकता है या होल्ड करके रख सकता है सी पी यू को फिक्स करने के लिए इस पर 1 क्या 2 लीवर लगा हुआ हो सकता है |

जो ( zif ) zero insertion force प्रदान करता है चाहे सीपीयू PGA ( pin grid array) प्रकार के हो या LGA (land grid array) प्रकार के | यह सॉकेट में chip को डालते समय पिनो के मुड़ने की जोखिम को कम करता है |

कुछ सी पी यू  BGA  (ball grid array) का उपयोग करता है जिन्हें सोल्डरिंग की आवश्यकता होता है जो सी पी यू के मूवमेंट करने की possibility को खत्म कर देता है |

और सीपीयू को किसी भी स्थिति में स्थिरता प्रदान करता है इन sockets को मदरबोर्ड में इस प्रकार फिक्स किया जाता है कि सीपीयू अच्छे से तो फिक्स हो ही साथ में सीपीयू के ऊपर हिटसींक को रखने में आसानी हो|

सीपीयू सॉकेट के प्रकार

Pga type socket

Pin grid array इस सॉकेट में होल बने होते हैं जहां पर सीपीयू – cpu लगे पिन इसके अंदर फिक्स हो जाते हैं जो प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (pcb) के साथ आराम से कनेक्ट हो जाते हैं|

CPU socket - Wikipedia
Pin grid array - Wikipedia

Lga type socket

Land grid array इस तरह के सॉकेट में ही पिन लगा होता है जो प्रिंटेड सर्किट बोर्ड ( pcb) से सीधे जुड़ा होता है और इस पर लगने वाला सीपीयू – cpu फ्लैट होता है उस पर किसी भी प्रकार का कोई पिन नहीं होता|

What are the different types of CPU sockets? - Quora

Bga type socket

इसमें एक तरह का पैड बना होता है जो सीपीयू – cpu के बॉल को होल्ड करता है और उसे हॉट एयर गन की सहायता से सोल्डरिंग कर दिया जाता है या कि स्थाई होता है |

ई जी ए एन जी ए की अपेक्षा बदलना आसान नहीं होता आपकी सिम सॉकेट के साथ अक्सर कुछ नबरों को देखा जाता है जैसे lga – 1155, lga-1156 यह नंबर डिफाइन करता है|

कि सॉकेट में कितना पिन है या यह पीनों की संख्या को दर्शाता है और 1155 सॉकेट में लगने वाला सीपीयू 1156  सॉकेट में नहीं लगेगा|

Intel's Haswell lineup has three BGA-only chips

सीपीयू और मदरबोर्ड को खरीदते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जो सीपीयू और मदरबर्ड आप खरीद रहे हैं दोनों एक दूसरे के लिए अनुकूल है कि नहीं|

हमने जाना

इस लेख में हमने जाना सीपीयू – cpuको सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या  इसे कंप्यूटर का ब्रेन भी कहते हैं और यह क्या काम करता है और कैसे काम करता है इसे भी हमने संक्षेप में समझने का प्रयास किया है |

हमने सीपीयू के प्रकार के विषय में जाना – कि पहले कैसे सीपीयू होता था और अभी कौन सा सीपीयू आ रहे हैं जैसे पिन प्रोसेसर और पिनलेस प्रोसेसर | इस लेख में हमने सीपीयू के इतिहास की जो जानकारी दिया है |

वह आपके लिए काफी उपयोगी साबित हुआ होगा – साथ ही सीपीयू बनाते कैसे हैं इस पर भी हमने संक्षिप्त में जानकारी दिया है| आपने सीपीयू के पैरामीटर के विषय में भी जाना है |

जैसे बेंचमार्क , stress test , टेंपरेचर , कूलिंग सिस्टम , क्लॉक स्पीड, overclocking  और इसके सॉकेट के विषय में भी दी गई जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी साबित हुआ होगा ऐसी मुझे आशा है | इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |

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